रखें सावधानी ! हो सकता है आपको वजन पर भारी

रखें सावधानी ! हो सकता है आपको वजन पर भारी

फलों का रस एवं कोल्ड्रिंक्स
ठंडक से गर्मी की ओर ढ़ता मौसम एवं प्यास का अहसास ! साथ ही बढ़ने लगती हैं अक्सर कुछ ठंडा-ठंडा पीने की तलब।

हमारी इंस बड़ी हुई तलब के कारण ही कहीं दो वक्त की रोटी कमाने को तो कहीं बैंक  बैलेंस बढाने को सजने लगती है भांति-भांति के कोल्ड्रिंक्स तथा फलों के रस की दुकानें।

परन्तु आप सावधान रहें ,क्योंकि इनका नियमित या अधिक मात्रा में सेवन आपके वजनपर भारी पड़ सकता है दर असल हमारा शरीर ठोस आहार की अपेक्षा तरल भोजन को जल्दी पचा लेता है।
    उदाहरण के तौर पर यदि हम एक सेवफल अथवा संतरे का सेवन करते हैं तो इसके पाचन के लिये पूरे पाचन तंत्र को काम करना होता है। क्योंकि जब हम सेव फल या कोई भी फल खाते है तो सबसें पहले दाँतो द्वारा चबाना होता है। और दाँतो की  इस प्रक्रिया में जीभ को भी मदद करना होती है।
  दाँत एवं जीभ की इस चबाने की क्रिया के दोरान लारग्रंथि भी सक्रिय होकर लार (सैलाइवा का स्त्रावण (Secretion) प्रारंभ कर देती है जिससे उसमें पर्याप्त मात्रा में लार भी मिल जाती है।
इस तरह सेवफल अन्य या अन्य किसी भी फल की पाचन क्रिया यहीं से प्रारंभ हो जाती है और उसमें लार भी मिल जाती हैं जो आगे की पाचन क्रिया में सहायक होते है। सम्पूर्ण फल को चबाकर सेवन करने से उसमें स्थित फाइवर यूक्त यह पल्प आमाश्य (Stomach)  में पहुँचता है तो उसको और  अधिक छोटे भागों में तोड़ने तथा पचाने का कार्य अमाशय करता है। इस क्रिया के दौरान आमाशय से निकलने वाले पाचक रस  एन्जाइम्स उस पल्प को पचाने का कार्य करते हैं तंदपरांत वह पचित फल पल्प छोटे आंत की ओर ढकेल किया जाता है जहाँ पाचन की अग्रिम प्रक्रिया तथा शोषण आदि की क्रिया चलती है।

इस तरह जब फल या अन्य कोई ठोस आहार ग्रहण किया जाता है। तो उसकी पाचन क्रिया में समय लगता है और उसमें स्थित ऊर्जा शक्ति जो शरीर को क्लोरी र में ऊर्जा प्रदान करती है वह शरीर को धीरे धीरे शक्ति कृत करती है जिससे व्यक्ति अपने शरीर  में देर तक स्फूर्ति महसूस करता है।

परन्तु यही फल जब रस के रूप में गट&गट कर ग्रहण कर लिया जाता है। तब निःसंदेह शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है जिसमें शरीर में शीघ्र ही ताजगी एवं स्फूर्ति का अनुभव होता है क्योंकि यह सीधे आमाशय में पहुँचकर जल्दी ही छोटा आंत में पहुँच जाता है जहाँ से उसमें स्थित ऊर्जा शक्ति शोषित होकर तुरंत रक्त में मिल जाती है। परन्तु यहीं खतरा है आपके बढते वजन के लिए।

क्योंकि फल को रस रूप में लिये जाने पर एक तो उसमें पर्याप्त मात्रा में लसर नहीं मिल पाती है जिससे रस का यथोचित पाचन नहीं होता है दूसरे वह शीर्घ ही आमाशय  आंतो से होते हुये पेशाब मार्ग से जल रूप में बाहर निकाल दिया जाता है।
 इस बीच उसमें स्थित ऊर्जा शीर्घ ही रक्त एवं शरीर को मिल जाती है जो उस समय में खर्च  होने पर शरीर को मिल जाती है जो उस समय में खर्च  होने पर शरीर में फेट रूप में एकत्रित होने लगती है साथ ही आमावश्य जल्दी खाली हो जाता है और हमें फल खाने की अपेक्षा रस पीने पर जल्दी भूख लगने लगती है। जिससे हमारे शरीर में आवश्यक  से अधिक कैलोरी पचाती है।

ऐसी स्थिति में जिन लोगों की सक्रिय जीवन शैली नहीं है उनके शरीर में अतिरिक्त कैलोरी फैट या चर्बी के रूप में जमा होने लगती है और वजन  बढ़ने की संभावना बनती है।

लेखक का आपसे आग्रह

प्रिय पाठकों ये सारे लेख लेखक सागर ने आप की आवश्‍यकताओं को ध्‍यान में रखकर ही लिखी हैं कि आपके मन में किस-किस प्रकार की जिज्ञासायें होती हैं क्‍योंकि हम लोगों का एक अपना ही संसार होता है लेखक ने इस लेख में इसी को ध्‍यान में रखकर हम सभी की मनोभावना को समझकर ही इस लेख को तैयार किया है जिससे हमारी भवनायें हमारे लिये अपनी भाषा में प्रस्‍तुत कर सके जिससे सभी को ये लेख पढ़कर आनंद आये।

 लेख की जानकारी 

दोस्‍तों इस पोस्‍ट में हमने आपके समक्ष खुद अपने विचारों से लिखी कुछ लेख का संग्रह प्रस्‍तुत किया है इसमें सभी प्रकार की भावनाओं से ओत-प्रोत हस्‍त लिखित लेख को सामिल किया गया है हमे उम्‍मीद है कि आपको ये संग्रह काफी पसंद आयेगा। 

लेखक ने बहुत सारी लेख का संग्रह आपके समक्ष प्रस्‍तुत किया है जो इसी बेवसाईट पर नीचे रीड मोर आपशन पर आपको मिल जायेंगे सां‍थ ही लेखक निरंतर आपके लिये लेख लिख भी रहा है जो आगामी समय में आपको इसी व्‍लाग पर प्राप्‍त हो सकेंगे।

यदि आपको हमारी ये हस्‍त लिखित लेख का संग्रह पसंद आये तो हमें जरूर बतायें जिससे हमारा मनोवल बड़ता रहे और हम आपके समक्ष इसी प्रकार का संग्रह बनाते रहें।

हमारे द्वारा लिखे कुछ लेख के अंश प्रस्‍तुत हैं अगर इसी तरह आपका प्‍यार हमें मिलता रहा तो ये संग्रह यूं ही निरंतर बड़ता रहेगा इसलिये जरूर पढ़ें ओर हमारा मनोवल यूं ही बड़ाते रहें।

 

लेखक का वाक्‍य :-

दोस्‍तों इस लेख लेखक ने रखें सावधानी ! हो सकता है आपको वजन पर भारी के बारे में बताया है जो उसे बड़े ही सहज और सरलता पूर्वक हम सभी को समझ आने वाली भाषा में वर्णन किया है।

हम आपको ये बताना चाहते हैं कि इस लेख में लेखक ने अपनी लेखन द्वारा अपने सभी भाव इस लेख के रूप में व्‍यक्‍त करने की कोशिश कर की है, सांथ हमें लेख के बारे में बड़े ही सहज भाव से अपनी बात रखने की कोशिश की है जो काफी काबिले तारीफ है।

लेख जो इस व्‍लाग में लिखे गये हैं :-

सेहत के लिए अति आवश्यक है प्रकृति से तालमेल बनाए रखना, रखें सावधानी! हो सकता है आपको वजन पर भारी आदि।

आगामी भी आपके समक्ष जल्‍द ही इस व्‍लाग में मिलेगी थोड़ा इंत्‍जार करे।

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Milan Tomic

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