वायु प्रदुषण को उचित खान-पान से भी कम किया जा सकता है
(वायु प्रदूषण)
वायु प्रदुषण की समस्या अव केवल सर्दी के मौसम और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक ही सीमित नही रही है! यह कम या ज्यादा मात्रा में सभी शहरो व कस्बों की एक आम समस्या बन चुकी है और प्रायः हर मौसम में इसका असर देखने को मिल जाता है! जब भी प्रदुषित परिवेश से हमारे शरीर में जहरीले तत्व प्रवेश करते हैं, वे फ्री रेडिकल्स उत्पन्न हैं! फ्री रेडिकल्स तनाव और अन्य कई तरह की बीमारियों की वजह बनते हैं! ऐसे में एंटी आक्सीडेंटस की भुमिका काफी बढ जाती है, जो इन फ्री रेडिकल्स को शरीर से बाहर कर हमारी कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं! तो अगर प्रदुषण से लड़ना है तो हमें अपने भोजन में उन चीजों कों शामिल करना होगा या उनकी मात्रा बढानी होगी जो एंटी आक्सीडेंटस से भरपूर हो!![]() |
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1. विटामिन-सीः-
यह
पानी में घुलनशील विटामिन और बेहद शक्तिशाली एंटिआक्सीडेंट
होता है! यह सर्दी, खांसी और अस्थमा जैसी बीमारियों से लड़ने की ताकत
देता है जो वायु प्रदुषण के कारण सबसे पहले होती है! विटामिन सी युक्त चीजों में आंवला, पपीता, नीबूं, अमरूद, अंगूर, पालक, टमाटर, पत्तागोभी, आदि शामिल हैं!
2. विटामिन ईः-
यह
फ्री रेडिकल्स से सेल मेम्बरेन (कोशिकाओ को बाहरी पर्यावरण से बचाने वाली परत) की रक्षा करता है! यह हमारी रोग-प्रतिरोधक प्रणाली को भी मजबूत
बनाता है, साथ ही त्वचा व बालों को भी स्वस्थ रखता है! विटामिन
ई के लिए बादाम, अखरोट, तिल, पत्तेदार सब्जियां, आलिव या सनफ्लावर आयल, मछली, मछली का तेल आदि का सेवन किया जा सकता है!
3. फ्लेवोनाइडसः-
अब
इसे कुछ लोग विटामिन ,पी, भी कहने लगे है! यह प्रदुषण के कारण होने वाले कई तरह के गंभीर
रोंगो जैसे कैंसर और दिल संबंधी बीमारियों सें बचाव करता है! सबसे ज्यादा फ्लेवोनाइडस
ग्रीन टी पीने से मिलेंगें! इसके अलावा हर्वल टी, हरी पत्तेदार सब्जियों, पत्ता गोभी इत्यादि में भी पर्याप्त मात्रा में
फ्लेवोनाइडस होते हैं!
4. थ्रीः-
लिग्नैन, ल्यूटिन और लाइकोपीन वे तीन एल है जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने में काफी मददगार साबित हो सकतें हैं! अलसी, तिल, क़द्वु, के बीज और मोटे अनाज में प्र्याप्त मात्रा में लिग्नैन होते हैं ल्युटिन को आंखो का एंटीआक्सीडेंटस भी कहते हैं जो अधिकांश फलों व सब्जियों में मिलता है! लाइकापिन मुख्यतः टमाटर में पाया जाता है!
आजमाएं ये 5 देसी नुस्खे
1. गाय का घीः-
दिनभर
में दो से तीन चम्मच घी का सेवन करने से हडिडयो, लिवर और किडनी में प्रदुषण की वजह से जमा होने
वाले पारा और सीसा जैसे तत्व दूर हो सकेंगे! स्वास नली से प्रदुषक तत्वो को
दुर करने के लिए गाय के घी की दो-दो बूंदें सुबह और शाम डालें!
2. तुलसीः-
वायु प्रदुषण से स्वास संबंधी बीमारियां जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, इन्फ्लूएंजा अधिक होती है! इनके इलाज में तुलसी, अदरक और शहद का काढा काफी फायदेमंद हो सकता है!
3. गुड़ः-
यह
जिंक और सेलेनियम जैसे एंटी आक्सींडेंटस और मिनरल्स शरीर की रोग, प्रतिरोधक क्षमता को बढाने का काम करतें हैं, जिससे प्रदुषण से लड़ने के लिए शरीर तैयार होता है!
4. पिपलीः-
वायु
प्रदुषण वाले इलाकों में फेंफड़ों में जहरीले तत्व प्रवेश कर जाते हैं! स्वास नलिका संबंधी समस्या भी
ज्यादा रहती है! पिपली फेफड़ो को प्रदुषणकारी जहरीरे तत्वो से मुक्त करनें और स्वास नलिका से बलगम हटाने में
मददगार होती है!
5. त्रिफलाः-
प्रदुषण
की वजह से ,त्रिदोष, (वात,पित्त, और कफ) में असंतुलन होता है! त्रिफला के नियमित सेवन से यह असंतुलन
दूर होता है रोजाना रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण
लेने से फायदा होता है!
लेखक का आपसे आग्रह
प्रिय
पाठकों ये सारे लेख लेखक सागर ने आप की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ही लिखी
हैं कि आपके मन में किस-किस प्रकार की जिज्ञासायें होती हैं क्योंकि हम लोगों का
एक अपना ही संसार होता है लेखक ने इस लेख में इसी को ध्यान में रखकर हम सभी की
मनोभावना को समझकर ही इस लेख को तैयार किया है जिससे हमारी भवनायें हमारे लिये
अपनी भाषा में प्रस्तुत कर सके जिससे सभी को ये लेख पढ़कर आनंद आये।
लेख की
जानकारी
दोस्तों
इस पोस्ट में हमने आपके समक्ष खुद अपने विचारों से लिखी कुछ लेख का संग्रह प्रस्तुत
किया है इसमें सभी प्रकार की भावनाओं से ओत-प्रोत हस्त लिखित लेख को सामिल किया
गया है हमे उम्मीद है कि आपको ये संग्रह काफी पसंद आयेगा।
लेखक ने
बहुत सारी लेख का संग्रह आपके समक्ष प्रस्तुत किया है जो इसी बेवसाईट पर नीचे रीड
मोर आपशन पर आपको मिल जायेंगे सांथ ही लेखक निरंतर आपके लिये लेख लिख भी रहा है
जो आगामी समय में आपको इसी व्लाग पर प्राप्त हो सकेंगे।
यदि आपको
हमारी ये हस्त लिखित लेख का संग्रह पसंद आये तो हमें जरूर बतायें जिससे हमारा
मनोवल बड़ता रहे और हम आपके समक्ष इसी प्रकार का संग्रह बनाते रहें।
हमारे
द्वारा लिखे कुछ लेख के अंश प्रस्तुत हैं अगर इसी तरह आपका प्यार हमें मिलता रहा
तो ये संग्रह यूं ही निरंतर बड़ता रहेगा इसलिये जरूर पढ़ें ओर हमारा मनोवल यूं ही
बड़ाते रहें।
लेखक का
वाक्य :-
दोस्तों
इस लेख में लेखक ने के बारे में बताया है जो उसे बड़े ही सहज और सरलता पूर्वक हम
सभी को समझ आने वाली भाषा में वर्णन किया है।
हम आपको ये
बताना चाहते हैं कि इस लेख में लेखक ने अपनी लेखन द्वारा अपने सभी भाव इस लेख के
रूप में व्यक्त करने की कोशिश कर की है, सांथ हमें लेख के बारे में बड़े ही सहज भाव से अपनी बात
रखने की कोशिश की है जो काफी काबिले तारीफ है।
लेख जो इस
व्लाग में लिखे गये हैं :-
सेहत के
लिए अति आवश्यक है प्रकृति से तालमेल बनाए रखना, रखें सावधानी! हो सकता है
आपको वजन पर भारी आदि।
आगामी भी आपके समक्ष जल्द ही इस व्लाग में मिलेगी थोड़ा इंत्जार करे।
हमारे प्रिय पाठकों!
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Some More Option:-
रखें सावधानी ! हो सकता है आपको वजन पर भारी
सेहत के लिए अति आवश्यक है प्रकृति से तालमेल बनाए रखना
ब्लैक टी पीने के भी हो सकते हैं फायदे।
अक्सर बदलता मौसम पेट लिए आफत बन जाता है!
वायु प्रदुषण को उचित खान-पान से भी कम किया जा सकता है
लगातार रो रहा है बच्चा तो समझें इशारे
खाना खाने के बाद न करें ये कुछ काम
एसिडिटी (पेट में जलन) से मिलेगी जल्द निजात
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