कहते हैं कि हमारे संस्कार विरासत में मिलते हैं मगर विरासत में पहले किसी से कोई गलती हो गई है तो क्या वह भी विरासत के अनुसार चलातें रहेंगें ऐसा भला कभी होता है! इसलिए मेरा कहना आप सभी से ये है कि यदि आपके परिवार में किसी बड़े, बुजुर्ग की आदत टेढी, मेढ़ी भाषा में वार्तालाप करने की है या तो कुछ भी बोल जातें है मगर आप तो समझदारी से उनको बात का उत्तर सुमधुर आवाज में दें सकतें हैं न तो आप अपनी शेली से ही अपने छोटों को सिखाने का एक बड़ा पर्याय बन सकते हैं और अपनें परिवार को भी एक दोस्त की भांति सही गलत का ठीक प्रकार से परिचय कराने का प्रयास करें!
अपने परिवार को संस्कारी बनाने का भी आपका एक वक्त है तभी जाकर वो आगे चलकर आपको अपनी ठीक विरासत में शामिल करके गर्व महसुस करेंगे!
सही मायने में हकीकत ये है कि आपके अपने व्यवहार के जरिये ही आप अपने परिवार को संस्कारी बनाने का एक एक अहम पाठ निभा सकते हैं इसलिए आप के माहौल के मिसाल से अपने परिवार को और खुद को संस्कारी बनाने का आपका ही अधिकार है! जिसमें आपके छोटो को ही वही बात आपके परिवार के बड़ों को और आपके आस, पास के लोग सभी को दी सुमधुर बोलने की सीख मिलेंगी!
हम लोगो को संस्कारी कैसे बना सकते हैः-
इसका जबाव है कि हम लोगों को भी संस्कारी बना सकतें है जैसे- कभी किसी से आपने बड़ें ही विनम्रता पूर्वक कोई उचित प्रश्न किया हो और उसमें उनका जबाव क्रोध से दिया हो ऐंसा आपने कभी भी नही सुना होगा क्यों ऐंसा कोई भी नही करता है क्योंकि सभी सज्जन व्यक्ति की बातों का जबाव भी बड़ी ही सज्जनता से देते हैं क्योंकि आपका प्रश्न उसके लिए उचित होना चाहिए गलत, सलत प्रश्न कभी भी किसी से न करें और अगर करें भी तो उनके सामने भी हिम्मत भी करें! क्योंकि जमीन पर यदि रवर की गेंद को भी गलत तरीके से मारोगे तो वो पलट कर आपकी ही तरफ आयेगी उसी प्रकार आपकी बात को सामने वाले के बताने का आपका तरीका जैसा होगा आपकों उसका जबाव भी उसी के अनुसार ही मिलेगा!
इस बात से हम आपको बताना चाहते हैं कि यदि आप अपने व्यवहार में मधुरता लाकर सभी से मधुर-पूर्ण बात करेंगे तो आपको एक दिन खुद अहसास हो जायेगा कि आपके आस-पास का वातावरण तुरन्त खुद आपको अच्छा लगने लगेगा और सभी से और लोग आपसे अपने आप घुल-मिल जायेंगे और सारा माहौल एक दिन पारिवारिक हो जायेगा!
बस इसी तरीके से आप लोगों को संस्कारी बनाने में एक अहम भूमिका निभा सकतें हैं
सभी संस्कारी कैसे बनेः-
अगर हम अपने आपको संस्कारी बना सकते हैं और अपने परिवार को भी वही सीख दें एक काम आपको अपने घर सें प्रारम्भ करना होगा तो एक दिन ऐसा आयेगा जब सारा जग संस्कार की चादर औढ़ लेगा! में ये नही कहता कि उनकी तय होना क्या होगी मगर इतना जरूर कर सकता हुं इस पाठ कों अगर सभी परिवार के लोग आज से वे अपना लें तो दिन दुर नही होगा जब सारा जग संस्कारी में आयेंगा और हमारा जग में बड़ा संस्कारी जग कोई भी नही है मगर आज-कल हम अपने आस-पास जो कुछ भी थोड़ा बहुत गलत माहौल देख रहे है हम सब मिलकर हम माहौल का एक दिन मतलब ठीक करने में अहम भूमिका निभा सकतें है।
हमें एक बात ध्यान रखने की भी आवश्यकता है कि सारें सकारात्मक विचारों का संचार ही अपने आस-पास और खुद के भीतर रखें तभी जाकर भावनात्मकता हमें चारों और आयेगी!
संस्कारी हम हैं जग हमारा संस्कारी है
संस्कार हमारा हम ऐसा रखें, कहे ये दुनिया कि हम संस्कारी बने!
(हम संस्कारी बने तो सब संस्कारी बने, हम संस्कारी बने तो ये जग संस्कारी बनें)
लेखक का आपसे आग्रह
प्रिय पाठकों ये सारे लेख लेखक सागर ने आप
की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ही लिखी हैं कि आपके मन में किस-किस प्रकार की
जिज्ञासायें होती हैं क्योंकि हम लोगों का एक अपना ही संसार होता है लेखक ने इस
लेख में इसी को ध्यान में रखकर हम सभी की मनोभावना को समझकर ही इस लेख को तैयार
किया है जिससे हमारी भवनायें हमारे लिये अपनी भाषा में प्रस्तुत कर सके जिससे सभी
को ये लेख पढ़कर आनंद आये।
लेख की जानकारी
दोस्तों इस पोस्ट में हमने आपके समक्ष खुद
अपने विचारों से लिखी कुछ लेख का संग्रह प्रस्तुत किया है इसमें सभी प्रकार की
भावनाओं से ओत-प्रोत हस्त लिखित लेख को सामिल किया गया है हमे उम्मीद है कि आपको
ये संग्रह काफी पसंद आयेगा।
लेखक ने बहुत सारी लेख का संग्रह आपके समक्ष
प्रस्तुत किया है जो इसी बेवसाईट पर नीचे रीड मोर आपशन पर आपको मिल जायेंगे सांथ
ही लेखक निरंतर आपके लिये लेख लिख भी रहा है जो आगामी समय में आपको इसी व्लाग पर
प्राप्त हो सकेंगे।
यदि आपको हमारी ये हस्त लिखित लेख का
संग्रह पसंद आये तो हमें जरूर बतायें जिससे हमारा मनोवल बड़ता रहे और हम आपके
समक्ष इसी प्रकार का संग्रह बनाते रहें।
हमारे द्वारा लिखे कुछ लेख के अंश प्रस्तुत
हैं अगर इसी तरह आपका प्यार हमें मिलता रहा तो ये संग्रह यूं ही निरंतर बड़ता
रहेगा इसलिये जरूर पढ़ें ओर हमारा मनोवल यूं ही बड़ाते रहें।
लेखक का वाक्य :-
दोस्तों इस लेख लेखक ने संस्कार
के बारे में बताया है जो उसे बड़े ही सहज और सरलता पूर्वक हम सभी को समझ आने वाली
भाषा में वर्णन किया है।
हम आपको ये बताना चाहते हैं कि इस
लेख में लेखक ने अपनी लेखन द्वारा अपने सभी भाव इस लेख के रूप में व्यक्त करने
की कोशिश कर की है, सांथ हमें लेख
के बारे में बड़े ही सहज भाव से अपनी बात रखने की कोशिश की है जो काफी काबिले
तारीफ है।
लेख जो इस व्लाग में लिखे गये हैं :-
1. संस्कार
2. वो पंछियों का अशियाना न जाने
कहां खो गया
3. मोबाइल में सिमटता युवा वर्ग
4. भीतर के अवतार (अंतरात्मा) को
जगाएँ
5. नेटवर्क ही सफल व्यापारी का
गुण हैं।
6. कहां से आई सांप सीढ़ी
7. इंसान का आचरण ही उसका प्रमाण
हैः
8. अगर आप अक्सर निराश रहते हैं
9. बदलती हुई सरकार अकसर दे जाती
है जनता को भार
10. हमेशा खुद पर भरोसा रखें
सफलता आपके पास होगी!
आदि।
आगामी भी आपके समक्ष जल्द ही इस
व्लाग में मिलेगी थोड़ा इंत्जार करे।
हमारे प्रिय पाठकों!
आप सभी को ये जानकारी कैसी लगी? अपने विचार हमारे साथ कमेंट बॉक्स के माध्यम से साझा करें। आपकी राय हमारे लिए बहुत कीमती है। शुक्रिया !
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