परीक्षा में कम अंक आने पर निराशा को गले न लगाएँ | pariksha me kam number ane par kya kare

परीक्षा में कम अंक आने पर निराशा को गले न लगाएँ

1. अंकों के तनाव को दिमाग से हटा दें, बेहतर आएंगें नतीजेः-

      परीक्षाओ का मौसम आ होता है! इस समय विधार्थियों में तनाव का होना लाजिमी हैलेकिन यह मान लिया जाता है कि अंक न हो तो कुछ नही तव यह तनाव खतरनाक मोड़ पर पहुंच जाता है अंक महत्वपूर्ण जरूर हैपर जिंदगी नहीः

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2. अंक जिंदगी का आधार नही हो सकतेः-

      हर बच्चा चाहता है कि वह टॉप करें जो अच्छी बात हैलेकिन यह भी उतना ही बड़ा सच है कि हर बच्चा तो टॉप नही कर सकता! तो फिर कहीं ऐसा तो नही है कि अंकों की इस अंधी दौड़ में आप कुछ खो रहें हैंक्या खो रहें हैंइसका आपकों शायद अंदाजा भी नही है! विधार्थियों और उनके अभिभावकोंदोनो को यह समझना जरूरी है कि अंक ही जीवन का आधार नही हो सकतें! जीवन बहुत बड़ा है और बहुत कुछ देता है! इस दौर दौड़ को अपने दिमाग पर हावी नही होने देना है! बस मन और शांत दिमाग से पढ़ाई करनी है और हमेशा सकारात्मक रहना है! आपका खुद पर विश्वास होना बहुत जरूरी है और यह विश्वास तभी बनेगा जब आप अच्छी तरह से पढ़ाई कर पाओगेवो भी अंको को दिमाग में रखे वगैर!

3. गोलपोस्ट तो कही और हैः-

      अंको का संबंध शैक्षणिक प्रदर्शन से जरूर है! हो सकता है अच्छे अंको से आपको किसी अच्छे संस्थान में दाखिला मिल जाएयह समझना भी जरूरी है कि इसका संबंध आपकी उस प्रतिमा से बिल्कुल भी नही है! इसके मायने यह है कि कम अंक आपकी उस प्रतिमा को नही रोक सकतेजिसके लिए आप बने हैं! दुनिया के सफल और महान लोगो को देखिए! कोई भी ऐसा नही हैजिसने टॉप किया है बल्कि कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो अपनी पढ़ाई ही पूरी नही कर सकेफिर भी दुनिया के अमीरों की सुची में शीर्ष पर आए! ऐसा इसलिए क्योंकि उनका लक्ष्य अंकों पर नही थाउनके अपने गोल पर था इसलिए अच्छे अंक लाने की कोशिश जरूर करेंलेकिन यही अंतिम लक्ष्य न हो!

4. अपनी क्षमता पर ध्यान दें:-

      हर बच्चा पढ़ने में अच्छा ही हो! जरूरी नही है! हर बच्चा अच्छे अंक ला सकेयह भी जरूरी नही है! हर बच्चा आई.आई.टी.मेडिकल एग्जाम या इसी तरह की एग्जाम क्रेक कर सकेयह भी जरूरी नही है! तो ऐसे बच्चे क्या करेंध्यान रहेईश्वर ने हर व्यक्ति को एक अद्वितीय क्षमता के साथ पैदा किया हैजो अंको पर आधारित नही होती! बसअपनी उस क्षमता को पहचानकर आगे बढ़ने की जरूरत है! शुरूआती परीक्षा का परिणाम आपके भविष्य को निर्धारित अंक कैसे भी आएंआप क्या करना चाहते हैं! इस पर पूरा फोकस होना चाहिए!

5. अंको के तनाव को पहचानें ताकि मदद कर सकें:-

      छात्र जीवन और परीक्षा का साथ तो हमेशा-हमेशा का है और इसे अलग भी नही किया जा सकता! लेकिन आजकल परीक्षा का भय और अंको का तनाव बढ़ता ही जा रहा है! अकादमिक प्रदर्शन को लेकर बच्चे के साथ उनके अभिभावक भी बहुत चिंतित दिखाई देते हैं! दसवीं और बाहरवीं की परीक्षा को तो जीवन-मरण के रूप में देखा जा रहा है! बच्चे के ऊपर अपनी पढ़ाई के दबाब और अपने भविष्य से जुड़े अनेक सवालो के साथ माता-पिता की अपेक्षाओं का ज्यादा दबाब रहता है! सालों से सी.बी.एस.ई. होने के कारण मुझें परीक्षा और अंकों के कारण बच्चो व अभिभावकों में होने वालें तनाव को काफी नजदीक से देखने का मौका मिला है!

6. कैसे पहचाने कि बच्चा तनाव में हैः-

      तनाव एक मानसिक अनियमितता हैजिसमें बच्चे में उदासीनताहीन विचारकिसी भी कार्य को करने में अरूचिनींद में गड़बड़ीभूख की कमीथकावट और एकाग्रता का अभाव देखने को मिलता है! यदि बच्चा किसी काम में दिलचस्पी नही ले रहाउसकी ऊर्जा का स्थर लगातार घटता जा रहा है और उसकी रोजमर्रा की जिंदगी बिल्कुल अस्त-वयस्त हो रही है तो यह सब तनाव के लक्षण हो सकते हैं तनाव ग्रस्त बच्चे अक्सर क्रोधित रहते हैंबात बात पर गुस्सा करना उनकी आदत में शामिल हो जाता है! तनाव के कारण इनका मूड़ अक्सर खराब रहता है और ये किसी से बात करने से कतराते हैं! बच्चे मे नकारात्मक सोच बढ़ने लगती है और उसका आत्मविश्वास भी कम होने लगता है!

7. ऐसा क्या करें कि बच्चो पर अंकों का तनाव न हो:-

      बच्चे में अंको का तनाव न होइसकी जिम्मेदारी अभिभावक की है! जब बच्चे परीक्षा के कठिन दौर से गुजर रहे हो तब अभिभावकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है! प्रत्येक अभिभावक को अपने बच्चे के व्यवहार को समझना आवश्यक है और यदि बच्चे में तनाव के लक्षण दिखाई दें तो उचित समाधान करें! यदि तनाव के शुरूआती समय में इसकी पहचान कर ली जाये और आवश्यकतानूसार मनोवैज्ञानिक अथवा विशेषज्ञ की सलाह ले ली जाएं तो बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है!

      अभिभावक इस बात का दबाव नही बनाएं कि बच्चा हर समय पढ़ता ही रहे! बच्चे के मनोरंजन का भी ध्यान रखें! खासकर बच्चे को अपने दोस्तो से मिलने के लिए प्रेरित करें!

      कई अध्ययनों सें यह साबित हो चुका है कि फिजिकल एक्टिविटीज तनाव को कम करने में मददगार होती है! तो पढ़ाई के बीच भी बच्चे को शाम के समय कुछ देर के लिए घर से बाहर निकलकर शारीरिक व्यायाम करने के लिएं प्रेरित करें!

लेखक का आपसे आग्रह

प्रिय पाठकों ये सारे लेख लेखक सागर ने आप की आवश्‍यकताओं को ध्‍यान में रखकर ही लिखी हैं कि आपके मन में किस-किस प्रकार की जिज्ञासायें होती हैं क्‍योंकि हम लोगों का एक अपना ही संसार होता है लेखक ने इस लेख में इसी को ध्‍यान में रखकर हम सभी की मनोभावना को समझकर ही इस लेख को तैयार किया है जिससे हमारी भवनायें हमारे लिये अपनी भाषा में प्रस्‍तुत कर सके जिससे सभी को ये लेख पढ़कर आनंद आये।

लेख की जानकारी 

दोस्‍तों इस पोस्‍ट में हमने आपके समक्ष खुद अपने विचारों से लिखी कुछ लेख का संग्रह प्रस्‍तुत किया है इसमें सभी प्रकार की भावनाओं से ओत-प्रोत हस्‍त लिखित लेख को सामिल किया गया है हमे उम्‍मीद है कि आपको ये संग्रह काफी पसंद आयेगा।

लेखक ने बहुत सारी लेख का संग्रह आपके समक्ष प्रस्‍तुत किया है जो इसी बेवसाईट पर नीचे रीड मोर आपशन पर आपको मिल जायेंगे सां‍थ ही लेखक निरंतर आपके लिये लेख लिख भी रहा है जो आगामी समय में आपको इसी व्‍लाग पर प्राप्‍त हो सकेंगे।

यदि आपको हमारी ये हस्‍त लिखित लेख का संग्रह पसंद आये तो हमें जरूर बतायें जिससे हमारा मनोवल बड़ता रहे और हम आपके समक्ष इसी प्रकार का संग्रह बनाते रहें।

हमारे द्वारा लिखे कुछ लेख के अंश प्रस्‍तुत हैं अगर इसी तरह आपका प्‍यार हमें मिलता रहा तो ये संग्रह यूं ही निरंतर बड़ता रहेगा इसलिये जरूर पढ़ें ओर हमारा मनोवल यूं ही बड़ाते रहें। 

लेखक का वाक्‍य :-

दोस्‍तों इस लेख में लेखक ने के बारे में बताया है जो उसे बड़े ही सहज और सरलता पूर्वक हम सभी को समझ आने वाली भाषा में वर्णन किया है।

हम आपको ये बताना चाहते हैं कि इस लेख में लेखक ने अपनी लेखन द्वारा अपने सभी भाव इस लेख के रूप में व्‍यक्‍त करने की कोशिश कर की है, सांथ हमें लेख के बारे में बड़े ही सहज भाव से अपनी बात रखने की कोशिश की है जो काफी काबिले तारीफ है।

लेख जो इस व्‍लाग में लिखे गये हैं :-

1. संस्कार

2. वो पंछियों का अशियाना न जाने कहां खो गया

3. मोबाइल में सिमटता युवा वर्ग

4. भीतर के अवतार (अंतरात्मा) को जगाएँ

5. नेटवर्क ही सफल व्यापारी का गुण हैं।

6. कहां से आई सांप सीढ़ी

7. इंसान का आचरण ही उसका प्रमाण हैः

8. अगर आप अक्सर निराश रहते हैं

9. बदलती हुई सरकार अकसर दे जाती है जनता को भार

10. हमेशा खुद पर भरोसा रखें सफलता आपके पास होगी!

11. परीक्षा में कम अंक आने पर निराश को गले न लगाएँ

आदि।

आगामी भी आपके समक्ष जल्‍द ही इस व्‍लाग में मिलेगी थोड़ा इंत्‍जार करे।

हमारे प्रिय पाठकों!

आप सभी को ये जानकारी कैसी लगीअपने विचार हमारे साथ कमेंट बॉक्स के माध्यम से साझा करें। आपकी राय हमारे लिए बहुत कीमती है। शुक्रिया !

Note:-.

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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