Introduction of Computer
आज के युग में Computer हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग हैं। इलेक्ट्र्निक डिवाइस है जो सुचनाओं को प्राप्त कर कुछ, निर्देशो के अनुसार उनका विश्लेषण करके परिणाम देता है। Computer की अपनी काई बुध्दि नहीं होती लेकिन आजकल Computer में क्रत्रिम बुध्दि विकसित करने के प्रयास किए जा रहै हैं लेकीन अभी तक के सभी Computer निर्देशो का पालन करके ही दिये जाऐ तो यह उन्हें सही प्र्रोसेस कर सही परिणाम देता है। गलती तभी संभव हैं जब गलत Input दिये जाएँ।
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कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्र्ति इंग्लिश के कम्प्यूटर शब्द से हुई है। जिसका अर्थ होता है केलकूलेशन करना ‘‘अतः यह तो स्पष्ट है कि कम्प्यूटर का Direct Relation Calculation करने वाली मशीन से है लेकिन इसकी आवश्यकता क्यों हुई? मनुष्य प्राचीन काल से ही गणना करने में समर्थ था, पहले मनुष्य गणना के लिए अपनी अंगुलिओ का प्रयोग करता था। परन्तु तकनीकी विकास में तीव्र गणना की मांग थी, साथ ही Calculation करने के लिए किसी Calculation Machine की आवश्यकता हुई ।
सन् 1942 से बेलिस्टीक लेब में School of
Electrical इंजीन्यरिंग Engineering
तथा अमेरिकी फोर्स ने एक साथ मिलकर कार्य करना आरंभ किया इनके द्धारा सन् 1946 में निर्मित Computer तेजी से तथा सही Calculation करने में सक्षम था किंतु यह काफी बड़ा था।
प्रांरम में Computer का Use मूल रुप से Calculation Work करने के लिए ही हुआ। किन्तु Present में इसका Working
area अधिक विस्त्रत हो गया है। आज के संदर्भ में यह कहना गलत होगा कि Computer
सिर्फ एक Calculation करने वाली मशीन है। बल्कि आज Computer पर कई ऐसे कार्यो को भी किया जा सकता है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
Computer System
Computer आज हमारे जीवन के कई क्षेत्रों में प्रवेश कर चुका है। प्रतिदिन के कार्यो में Computer की उपयोगिता बढती जा रही है। हर महीने Computer से तैयार किये गये बिजली के बिल हमारे घर आते हैं। स्कुल काँलेज के विघार्थी परिणाम Computer द्धारा बनाई हुई मार्कशीट को प्राप्त करते हैं। कई बड़े शहरों में Train Ticket भी अब Computer के माध्यम से ही दिए जाते हैं। हवाई यात्रा के भी Ticket Computer से प्राप्त किये जाते हैं। आज हर जगह में प्रतिदिन Computer का ही उपयोग होता है।
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Ø CHARACTERISITICS
OF COMPUTER SYSTEM
1. SPEED :-
Computer का सबसे ज्यादा महत्व तेजी से काम करने वाली क्षमता के कारण है। उसके द्वारा इतनी तेजी से गणनाऐं की जा सकती है कि प्राप्त परिणामों के बाद निश्चत रुप से कुछ समय भविष्य की तैयारी के लिए समय मिल सकता है ।
सामान्य Computer Second के एक लाख वे हिस्से यानि Micro Second (10-6) Second में काम करते हैं । अत्याधुनिक Computer तो नेनो सेकेण्ड (10-9) सेकेण्ड तथा पीको सेकेण्ड (10-12) तक में कार्य करते हैं। कोई भी शक्तिशाली Computer 18 अंको वाली दो संख्याओं को मात्र 300 से 400 नेनो सेकेण्ड में जोड़ सकता है ।
2. STORAGE:-
Computer में हमे दिये गये डाटा या दिये कार्य को Computer अपनी Memory में संग्रह कर रख सकता है, जिसे भविष्य में उपयोग किया जा सकता है। Computer की संग्रहण क्षमता किलो बाईट, मेगा
बाईट एवं गीगा बाईट में आंकी जाती है। आवश्यकता पड़ने पर कुछ सेकेण्ड में सारी जानकारी को पुनः उपलब्ध करा सकता है।
3. Accuracy:-
Computer
की त्रुटियों के बारे में हम प्रायः अखबारों में पढते रहते हैं। लेकिन यह भी सत्य है कि Computer बहुत कम गलतियां करते हैं। वे काफी हद तक शुध्द परिणाम देते हैं, अशुध्दियां प्राय मानवीय कारणों से ही होती हैं, वे
तब, जब गलत डेटा दिया या Programmer
द्धारा समुचित सावधानियां Program लिखते समय ना रखी गई हों प्राय Computer के परिणाम 100% शुध ही प्राप्त होते हैं।
4. Versayliti
(व्यापक उपयोगिता ):-
Computer द्धारा संपादित कार्यो की व्यापकता दिनो-दिन बढती जा रही है, कोई भी जटिल कार्य Computer पर कराने के लिए कार्य को
इस तरत संपादित किया जाता है कि उसे
निश्चत
क्रम से बांधा जा सके मूलतः Computer केवल 4 कार्य करता है:-
Introduction
of Computers
·
Input- Output उपकरणों से डेटा का आदान - प्रदान करना
·
डेटा का आंतरिक स्थानातरण
·
Numeric Calculation (अंकगणितीय गणना)
·
Data Comparing (डाटा की तुलनात्मक विवेचना)
5. Automation (स्वचालकता):-
एक बार प्रोग्राम एवं डेटा तैयार हो जाने एवं त्रुटिरहित हो जाने पर उसे Computer पर चलाया जा सकता है उसे Computer पर स्टोर कर चला देने के बाद बार-बार
मानवीय सहायता की आवश्यकता नही होती वह Step by
Step निर्देशों को Run करता चला जाता है एवं Accurate Result निकाल कर Output उपकरण पर Display कर देता है ।
6. Capability (सक्षमता):-
Computer एक EDP (Electronic
data processing) मशीन है अतः उसमें Work
Load अधिक होने पर भी वह कभी थकता नहीं है। यदि उचित वातावरण में इसे उपयोग में लाया जाए तो बहुत ही सक्षमता से कार्य कर सकता है। Human
Brain से यदि लगातार कार्य कराया जाए तो एक समय के बाद थकावट आ जाती है। और एकाग्रता भंग होने लगती है। परंतु
Computer
को
Milions
Calculation करने को भी दिये जाए तो Last
Calculation भी वह उसी प्रकार जिस
First
Calculation किया है।
7. Repeatitiveness
:-
जब किसी कार्य विशेष से संबंधित निर्देशों का समूह एक बार
Computer को स्थायी रुप से दे दिया जाता है तब
Computer उस कार्य को कितनी बार भी दोहरा सकता है। जब तक हम चाहेगें।
लेखक का आपसे आग्रह
प्रिय पाठकों ये सारे लेख लेखक सागर ने आप
की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ही लिखी हैं कि आपके मन में किस-किस प्रकार की
जिज्ञासायें होती हैं क्योंकि हम लोगों का एक अपना ही संसार होता है लेखक ने इस
लेख में इसी को ध्यान में रखकर हम सभी की मनोभावना को समझकर ही इस लेख को तैयार
किया है जिससे हमारी भवनायें हमारे लिये अपनी भाषा में प्रस्तुत कर सके जिससे सभी
को ये लेख पढ़कर आनंद आये।
लेख की जानकारी
दोस्तों इस पोस्ट में हमने आपके समक्ष खुद अपने विचारों से लिखी कुछ लेख का संग्रह प्रस्तुत किया है इसमें सभी प्रकार की भावनाओं से ओत-प्रोत हस्त लिखित लेख को सामिल किया गया है हमे उम्मीद है कि आपको ये संग्रह काफी पसंद आयेगा।
लेखक ने बहुत सारी लेख का संग्रह आपके समक्ष प्रस्तुत किया है जो इसी बेवसाईट पर नीचे रीड मोर आपशन पर आपको मिल जायेंगे सांथ ही लेखक निरंतर आपके लिये लेख लिख भी रहा है जो आगामी समय में आपको इसी व्लाग पर प्राप्त हो सकेंगे।
यदि आपको हमारी ये हस्त लिखित लेख का संग्रह पसंद आये तो हमें जरूर बतायें जिससे हमारा मनोवल बड़ता रहे और हम आपके समक्ष इसी प्रकार का संग्रह बनाते रहें।
हमारे द्वारा लिखे कुछ लेख के अंश प्रस्तुत हैं अगर इसी तरह आपका प्यार हमें मिलता रहा तो ये संग्रह यूं ही निरंतर बड़ता रहेगा इसलिये जरूर पढ़ें ओर हमारा मनोवल यूं ही बड़ाते रहें।
लेखक का वाक्य :-
दोस्तों इस लेख लेखक ने कम्प्यूटर का परिचय के बारे में बताया है जो उसे बड़े ही सहज और सरलता पूर्वक हम सभी को समझ आने वाली भाषा में वर्णन किया है।
हम आपको ये बताना चाहते हैं कि इस लेख में लेखक ने अपनी लेखन द्वारा अपने सभी भाव इस लेख के रूप में व्यक्त करने की कोशिश कर की है, सांथ हमें लेख के बारे में बड़े ही सहज भाव से अपनी बात रखने की कोशिश की है जो काफी काबिले तारीफ है।
लेख जो इस व्लाग में लिखे गये हैं :-
1. Fundamental of Computer
Unit-V
2. Fundamental of Computer
Unit-IV
3. Fundamental of Computer
Unit-III
4. Fundamental-of-Computer-unit-II
5. Fundamental of Computer
Unit-I
6. COMPUTER ORGANIZATION AND
WORKING
7. CHARACTERISTICS OF
COMPUTER SYSTEM
8. SOME PROGRAMMING LANGUAGE
9. Introduction of Computer
10. STORAGE DEVICES
11. Types of Printer
12. INPUT DEVICE
13. TYPE OF SOFTWARE
14. PROGRAMMING PLANNING
15. Types of Scanner
16. CAPABILITIES AND
LIMITATION
17. GENERATION OF COMPUTER
18. Type of Computer
19. Mouse
20. की बोर्ड के बारे मे
कुछ नियम
21. कम्प्युटर क्या है
आदि।
आगामी भी आपके समक्ष जल्द ही इस
व्लाग में मिलेगी थोड़ा इंत्जार करे।
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