INPUT DEVICE
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Input Device:-
वे उपकरण है
जिसके द्वारा Computer में कोई भी जानकारी Input की जा सकती है। मुख्य रूप से Input के लिए जा उपयोग किए
जाने वाले Device
· Key Board:-
वह सबसे अधिक प्रचलित Input उपकरण है इससे Computer की मेमोरी में सीधे ही Data Input किया जा सकता है एंव जो Data Input किया जा रहा है उसे VDU साथ-साथ देखा भी जा सकता है। यह उपकरण टाइपराइटर जैसा होता है और इसमें उसी क्रम के button keys होते है। यह जिसको दबाने पर वे अक्षर Memory में जाकर Screen पर Print हो जाता है। Key Board में सामान्यतः 84 या 101, 105, 120 की होती है। Cursor नियंत्रण के लिए विशेष कार्यो के लिये व अंकीय Data Input करने के लिए कुछ अन्य Key होती है। जो इस प्रकार है ।
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1. Type Writer Key
:-
इसके अंतर्गत सभी प्रकार के Alphabets (A-Z) Number (0-9)ओर कुछ Special Software *, +, -, %, $, # ,@, होते हैं।
2. Function Keys:-
Key Board में F1 से F12 तक 12 Function Keys होती है, जिसका Use विभिन्न Software में अलग-अलग कार्य करने में किया जाता है।\
3. Cursor Control Keys:-
इस की के द्वारा Cursor को Screen पर Left, Right, Up, Down ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है जैसे:-
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(A) Page UP:-
इसके द्वारा वर्तमान में Cursor जिस Page पर है, उससे पहले वाले Page पर जाने के लिए किया जाता है।
(B) Page Down:-
इसके द्वारा वर्तमान में Cursor जिस Page पर है, उससे नीचे वाले Page पर जाने के लिए किया जाता है।
(C) Home:-
इसका प्रयोग स्क्रीन पर प्रदर्शीत होने वाले पेज की फस्ट लाईन के प्रारंभ में Cursor को ले जाने के लिए किया जाता है। साथ ही Ctrl End Key के साथ Use करने पर Document File के सबसे पहले पेज की पहली लाइन के पहले केरेक्टर पर जाया जा सकता है।
(D) End:-
इसका प्रयोग Current page के Current Line के Last में Cursor को ले जाने के लिए किया जाता है। साथ ही Ctrl+Home key के साथ Use करने पर Document File के सबसे आखरी पहले पेज की आखरी लाइन के आखरी केरेक्टर पर जाया जा सकता है।
4. Numeric Keypad:-
Key board के Right Side में एक Numeric keypad होता हैं जिसमें Calculation के समान की होती है। जिसका आवश्यकतानुसार Use किया जा सकता हैं लेकिन यह तभी काम करता हैं जबकि Num Lock का लाइट on हो। Num Lock का लाइट off होने पर Number पर बनी अन्य Key जैसे Home, End, page up, page Down key काम करने लगती हैं।
5.
Caps Lock:-
इस Key को On करने पर सभी अक्षर Capital Letter में Type होने लगते है, और पुनः इसी Key को Off करने पर सभी अक्षर Small Letter में Type होने लगते हैं।
6. Shift Key:-
इस Key को किसी Character के साथ प्रेस करने पर उस Character को Capital Letter में टाईप कर सकते है । परन्तु यदि Caps Lock, On हो तो इस Key के साथ किसी Character को प्रेस करने पर वह Small Letter में Type होने लगता है।
7. Ctrl Alt Keys:-
Control And Alter key कुछ अन्य के साथ किसी विशेष कार्य करने के लिये Function की तरह तथा Shortcut key तथा Hot Key में उपयोग की जाती है।
8. Enter Key:-
इस की के द्वारा Computer को कोई भी कमांड पूरा होने के बाद नया कमांड देने के लिए किया जाता है। या किसी फाईल में कोई मेटर टाइप करते समय नयी लाईन पर जाने के लिए उपयोग किया जाता है डेटा या इनफारमेशन को एक्सीक्यूट करने के लिए उपयोग कि जाता है। Dos तथा FoxPro में Command Enter करने पर ही Run होती है।
9. Pause Key:-
यदि किसी कमांड के द्वारा Computer पर Information एक के बाद एक दिखाई देने लगे और हम उसे पढ न पाये तो इस की के उपयोग से उन्हे रोका जा सकता है। अर्थात Output यदि Scroll हो रहे हो तो उन्हें रोका जा सकता है । मुख्यतः इसका Use DOS तथा FoxPro में किया जाता है।
10. Tab Key:-
इस की का उपयोग MS-Word में टेबल या तालिका बनाने के लिए किया जाता है, Paragraph, Setting के लिए Tab key का उपयोग किया जाता है इसका Margins Default 0.5 Set होता है। तथा MS-Excel में अगले Cell पर तथा अन्य Software में अगली Command या Option पर जाने में इसका Use किया जाता है।
11. Escape Key:-
Escape Key का उपयोग किसी कमांड को Cancel करने के लिए या किसी प्रोग्राम से बाहर आने के लिए किया जाता है।
12.
Print Screen Key :-
इस की के द्वारा स्क्रीन पर प्रदर्षित हाने वाली
जानकारी को प्रिंट Copy करने में किया जा सकता है।
13. Delete Key :-
इस की के द्वारा जिस अक्षर पर Cursor उसके बाद
के अक्षर को मिटाया
जस सकता है।
14. Back Space Key :-
इस की के द्वारा Cursor के Left Side वाले अक्षर को मिटाया जा सकता है।
· Mouse:-
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Key board की तरह Mouse भी एक Input Device है जो पी.सी. से कई तारों वाली एक केबल से जुडा होता है Mouse के नीचे की ओर एक छोटी सी बाल लगी होती है , जो हमेशा Mouse pad की सतह से जुडी होती है इसका आकार चूहे के आकार का होने के कारण इसे Mouse कहते है माउस के क्रियाशील होने पर मानीटर पर Arrow sign Display होता है और जैसे-जैसे pad पर माउस को Move किया जाता है यह Arrow या Mouse cursor, Monitor पर मुव करता या चलता है। कई प्रोग्राम फाईल का उपयोग माउस के द्वारा सरलता से कर सकते है।
माउस के वटन को एक बार दबाने की क्रिया को Click करना कहा जाता है। कुछ प्रोग्राम में काम करते समय Mouse Pointer की आक्रति बदलती रहती है।
यह एक एसी डिवाइस है जिसके द्वारा स्क्रिन में Cursor को मुव किया जा सकता है, एंव किसी आपसन या कमांड को और Rubber Pad लगा होता तथा उपर की और बटन होते है। जिससे अधिकांश बायें बटन का प्रयोग किया जाता है दायें बटन का प्रयोग कुछ विशेष कार्यों के लिए किया जाता है माउस दो प्रकार के होते है।
1. Two Button Mouse
2. Three Button Mouse
· Scanner
यह एक
एसी इनपुट डिवाइस है जिसके द्वारा हम किसी भी Printed Shape या Image को Computer पर देख सकते है या देखे जाने वाले Picture में Change कर सकते है । इसमें Fast या Accurate, Entries Provide की जाती है यह कोई भी Graphics
Picture, Information को Direct,
Computer में Capable होता है।
Conduction for user with use of Scanner
इसमें
सीधे कम्प्युटर को डेटा दे सकते है अतः इनपुट Document को High quality का होना चाहिए। अधिकतर ये डिवाईस जहां
डेटा अधिक देना पड़ता है। वहां महंगा पड़ता है।
(1) Mono Scanner :-
इस प्रकार के Scanner द्वारा किसी आकृति को केवल Black
& White में
ही किया जा सकता हैं। आधुनिक तकनीक की सहायाता से हम English भाषा के लिए Text को scan करके इसमें संपादन भी कर सकते हैं इस प्रकार
के scanner द्वारा
scan की
गयी आकृति में Black & White colour के माध्यम से 256 Shades
scan किए जा सकते है।
ये दो प्रकार के होते है।
(2) Colour Scanner :-
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(a) Handily
Scanner :-
ये माउस से लगभग 3 गुना साईज का होता है इसका उपयोग छोटी
आकृतियों को स्केन करने के लिए किया जाता है। इस स्केनर को माउस की भांती हाथ से चलाया
जाता है। जिस आकृति को स्केन करना होता है उस आकृति पर इस स्केनर को लाकर स्केनिंग
का कार्य किया जाता है। आकृति को स्केन करते समय इस स्केनर का लाईट जलता है। अब इस
स्केनर को आकृति पर शुरू से चलाया जाता है स्केन की जाने वाली आकृति को किसी भी इमेज
प्रोसेसर में लाया जा सकता है।
इस प्रकार के स्केनर की परिसीमा है कि इसको हाथ से चलाने के कारण इसके हिलने की संभावना रहती है जिससे स्केन की जा रही आकृति क्षतिग्रस्त हो सकती है।
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यह एक छोटी से फोटो कापी की भांती होता
है। इस प्रकार के स्केनर में ए-4 साईज
के किसी कागज को डालकर उस पर बनी आकृति को स्केन किया जा सकता है।
इस प्रकार के स्केनर के लिए स्केन कार्ड, केबल एंव कनेक्टर स्केनिंग साफ्टवेयर आवष्यकता होती है। Computer में सर्वप्रथम मदर र्बोड में स्केन कार्ड लगाते है इसके प्ष्चात स्केनर को केबल व कनेक्टर द्वारा स्केन कार्ड से जोड देते है। इसके बाद कम्प्यूटर में स्केनिंग साफ्टवेयर install करते हे। इस प्रकार हम अत्यंत सरलतापूर्वक किसी भी प्रकार के स्केनर को कम्प्यूटर के साथ जोडकर प्रयोग कर सकते है।
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§ Digitizer Tablet :-
यह Pictures, Graphics को बनाने के लिए उपयोग होते हैं Digitizer एक इनपुट डिवाईस है जो कि Graphics या Picture data को Digit के रूप में Signals में Convert करता है जो की सीधे ही Computer के अन्दर इंटर होकर स्टोर हो जाता है Digitizer देा प्रकार के होते हैं।
1. Flatted Digitizer
2. Image Scan Digitizer
1. Flatted Digitizer:-
इसमें एक Rectangular Flatted Table होता है जिसमें Picture का आकार इसके अंदर दिया जाता है और इस Flatted Digitizer में Drawing को Digitized करके Rectangular Table पर फैलाकर रख देते हैं Drawing की Surface करता है जो Flatted Digit को Move करता है जो Drawing को Scan करता है और Signal Produce करता है।
Table के X और Y Co-Ordinate (अक्ष) जो कि सेल होता है उसमें जाकर Computer की मेमोरी में स्टोर कर देते हैं।
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यह पूरी drawing Photography को Scan कर सकता है यह केवल shape & Size ही Digitize नहीं करता बल्कि यदि हमें अलग-अलग Intensity दी है तो Drawing भी Digitize कर सकते हैं।
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यह एक Input device है जो कि बाल पेन की
तरह होता है जिससे हम Direct ही Screen पर पहले से ही कोई design बनी हुई है उसे इस
Light Pen के दुवरा Changes किए जा सकते हैं उसके बाद Computer में स्टोर कर सकते हैं।
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§ Bar Code
Reader:-
बाजार में मिलने वाले पाकेट बुक या अन्य वस्तुयों पर एक लेबल बना होता
है जिससे कुछ मोटी व पतली लाइने बनी होती है। यह एक प्रकार का कोड होता है जिससे उस
वस्तु का मूल्य एवं अन्य Information लिखी होती है जिन्हे Computer शीघ्रता से पढ़ लेता है। इन्हे Bar Code कहा जाता है इसका
ज़्यादातर उपयोग पश्चिमी देशों में होता है। पर आजकल भारत में भी इसका उपयोग होने
लगा है।
बार कोड को पढ़ने के लिए एक विशेष प्रकार के पेन जैसे उपकरण का उपयोग किया
जाता है जिसे Official
Band कहा जाता है इसमें पहली पांच Digits, Supplier Manufacture
को Identity करने के लिए होती हैं व दूसरी Five Digits
Product Identity करने के लिए होती हैं।
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Ø Characters Reader
There are three types of characters reader:-
1. OCR
(Optical Character Reader)
2. OMR
(Optical Mark Reader)
3. MICR
(Magnetic ink Character)
1. OCR:-
यह एक ऐसी Input Device है जिसके द्वारा
किसी Printed Paper को पढ़कर Data Entry Automatically Computer में हो जाता है यह Device सभी Alphabets, Numbers व Special Symbols (*,+,-,/,#) को समझने की क्षमता रखता है। यह Reflected, Numbers के
द्वारा उत्पन्न Patterns को Read कर
Signal Produce करता है ओर इस सिंग्नल को कम्प्यूटर में पहले से स्टोर
सिंग्नल से Compare करता है जैसे ही वह Entry Computer
में Automatically हो जाती है। एक सामान्य OCR
की Speed 20400 Character Per Speed होती है।
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यह एक विशेष डिजाईन के बने कार्ड में लगे निशान को पढकर डेटा केा इनपुट करता है। ये निशान पेन या पेनसिल किसी के भी हो सकते है। जैसे बहुत सारे विधार्थी किसी परीक्षा में बैठ रहै है जिसमें सारे प्रश्न Objective Type के प्रत्येक विधार्थी को एक उत्तर पुस्तिका दी जाती है जिसमें प्रत्येक उत्तर के अनुसार Square या Round में निशान लगाना होता है इसमें Answer Sheet के आर-पार एक तेज Light दी जाती है जिससे ओ.एम.आर. को लाईट का पता चल जाता है और यदि मार्क सही बाक्स में या सही Square में लगाया गया है तो उसे नंबर दे दिए जाते हैं इस प्रकार सभी उत्तर पुस्तिका बहुत तेजी से चेक हो जाती है।
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MICR एक एसी Input Device है जो कि
एक विशेष प्रकार के Magnetic Ink से लिखे गये
Character को Read कर Data की Entry करता है यह Security Purpose में उपयोग होता है इसकी Ink में Iron Oxide के कण होते हैं Magnetic Field के पास होने पर Magnetized (चुंबकीय) हो जाते हैं यह विशेष कलर को भी समझते है MICR का
उपयोग बैंक में होता है।
यदि किसी ग्राहक के चेक में नाम Magnetic Ink से लिखे गये है तब इस
चेक में A/C No. Signature को MICR में
लगाने पर यह अपने आप इस A/C में से इतने रूपये निकालकर दे देता
है जितने ग्राहक के चेक में भरे गये हैं।
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§ TRACK BALL:-
यह बाल उल्टे माउस की तरह होती है जिसमें चक्रों की केवल एक स्माल बाल होती है या जिसके द्वारा ट्रेक बाल चारों तरफ मुव कर सकती है ट्रेक बाल खासकर बच्चों के लिए बनायी जाती है जिसके द्वारा Computer पर Game खेल सकते हैं।
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§ Joy Stick :-
इस Input Device का उपयोग Video Games में होता है यह एक Electro Machine Device है इस डिवाईस
का उपरी हिस्सा एक हैंडल या स्टीक के समान होता है जिसके नीचे सोकेट में घुमाया जाता
है।
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§ Touch Screen:-
इस इनपुट डिवाइस के द्वारा बहुत कम डेटा इंटर या इनपुट कर सकते हैं यह Micro Computer या Terminal के द्वारा Touch Screen में किया जाता है। User Screen के मनचाहे location
पर जवनबी करके Option को Select कर सकता है।
उदा.- बैंकों की ATM Machine
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