Generation of Computer in Hindi | कम्प्यूटर की पीढ़ियां


GENERATION OF COMPUTER

Generation of Computer in Hindi | कम्प्यूटर की पीढ़ियां
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     Computer तकनीक में परिवर्तनों ने ही Computer पीढियों के विचारों को जन्म दिया। सर्वप्रथम Computer Hardware तकनीक में परिवर्तन को जनरेशन से जोडा गया किंतु आजकल Computer की  Hardware & Software तकनीक को Computer Generation में शामिल किया गया मुख्यतः यह विचारधार 1964 के पश्चात् प्रचलित हुई आज तक हुई Computer क्रांती को पांच प्रमुख जनरेशन में विभाजित किया जाता है जो इस प्रकार है:-

प्रथम पीड़ी 
(First Generation)
1940 To 1956
Vacuum Tube
द्धितीय पीड़ी 
(Second Generation)
1956 To 1963
Transistors
तृतीय पीड़ी 
(Third Generation)
1964 To 1971
I.C.(Integrated Circuit)
चतुर्थ पीड़ी 
(Fourth Generation)
1971- Present
Microprocessors
पंचम पीड़ी 
(Fifth Generation)
Present and Beyond
Artificial Intelligence

First Generation : (1940 - 1956)
यह युग 1940 से लेकर 1956 तक चला इस युग के Computer में Vacuum Tube का उपयोग किया गया जिससे यह Computer गणना करने में सक्षम रहा, परन्तु दैनिक जीवन में इसका उपयोग अधिक दिनों तक नहीं किया जा सका। इसमें प्रयोग होने वाली Vacuum Tube  बहुत नाजुक टयुब थी, जो इलेक्ट्रानिक संकेतों को नियंत्रित प्रसारित करने बदलने का कार्य करती थी। इस समय में  Computer Programming मशीनी भाषा में होती थी। 50 वें दशक के शुरू में। Assembly भाषा आई। प्रारंभ में इसका प्रयोग विज्ञान और Engineering में हुआ। UNIVAC Computer के आने के साथ ही Commercial Application की शुरूआत हुई। Operating System का Concept अभी शामिल नहीं हुआ था।
 Vocume Tube युक्त Computer ही First Generation Computer  कहलाते हैं। इसमे निम्नलिखित गुण हैं।
§  Characters :-

ð Vacuum tube उस समय उपलब्ध अकेले Electronic Component थे।

ð Electronic Digital Computer का अविष्कार Vacuum Tube ने ही संभव बनाया इस समय के तीव्र गति से गणना करने वाले अकेले यंत्र थे जो मिली सेकेण्ड में गणना कर सकते थे

§  Limitations (सीमाऐं):-

1.  आकार में बहुत बड़े थे

2.  विश्वसनीय नहीं थे, अर्थात सत्यता को जाचने का कोई पैमाना नहीं था।

3.  हजारों Vacuum Tube नियमित रूप से बडी मात्रा में गर्मी पैदा करती थी, जिसके कारण वातानुकुलित उपकरण (AC) की सख्त आवश्यकता थी।

4.  Hardware में टूट- फुट खराबी की संभावना ज्यादा थी।

5.  नियमित देखभाल की आवश्यकता थी।

6.  अवहनीय अर्थात आकार में बड़े होने के कारण एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाना संभव नहीं था। मंहगे होने के कारण व्यावसायिक उत्पादन कम था।
Second Generation : (1956 – 1964)
1956 में Bardeen, Brattain  और  द्वारा  के आविष्कार से इलेक्ट्रानिक में बडी क्रान्ति हुई ट्रांजेस्टर जरमेनियम सेमीकान्डेक्टर मटेरियल के बने होते हैं, जो कि Vacuum Tube से अधिक विश्वसनीय होते हैं क्योंकि इसमे जलने वाला फिलामेन्ट नहीं होता। यह कुछ ही माइक्रो सेकेण्ड में 0 से 1 पर स्विच होता हैं। जिसमें टुयूब को दस गुना समय लगता था। इसलिए कम्प्यूटर के लिए ट्रांजिस्टर (Transistor) से बना स्वीचिंग सरकिट टुयूब से करीब 10  गुना से अधिक सस्ता होता है। इसलिए कम्प्यूटर बनाने वाले टुयूब के स्थान पर ट्रंजिस्टर (Transistor) का प्रयोग करने लगे। Vacuum tube का स्थान अब ट्रंसजिस्टर (Transistor) ने ले लिया यह छोटा सा यंत्र 1947 में खोज लिया गया था किंतु लंबे समय तक इसका उपयोग प्रचलित नहीं हो सका यही ट्रंजिस्टर (Transistor)  Computer  का दिमाग कहलाता है।  
§  Characters :-

ð First Generation से के अकार में छोटे थे।

ð Second Generation के Computer अधिक विश्वसनीय थे।

ð Second Generation के Computer  कम गर्मी पैदा करते थे।

ð Calculation करने में समय कम हो गया अतः Calculation करने की  Speed बढ़ गई।

ð Hardware में के रखरखाव की समस्या में कमी हुई।

ð व्यावसायिक उत्पादन होने लगा।

§  Limitation or Disadvantage :-

1.  इनमे भी वातानुकूलन उपकारड् आथार्त अर्थात AC आवश्यक था।

2.  नियमित देखरेख भी महगा व जटिल था।

3.  व्यावसायिक उत्पादन अब भी मंहगा व जटिल था।
Third Generation (1964-1971):-
Third Generation में Second Generation की जगह Integrate Circuit का उपयोग किया जाता है। Integrated Circuit वह Circuit होता है जो कि Transistor, Resistors और Capacitors की एक Single Silicon chip पर लगाया जा सके जो Component  के बीच वायर के Interconnection को  eliminate करता है। इसका प्रभाव यह पड़ा कि बहुत ही पावरफुल सी.पी.यू. का आविष्कार हुआ जो कि 1 Million instruction  प्रति सेकेण्ड को carry करने की क्षमता रखता है।
यह Computer First Generation के Computer से 10000 गुना तेज हैं क्योंकि arithmetic logic operating कुछ ही नेनो सेकेण्ड में Perform करता है।
§  Advantages :-

1.  अन्य पिछले Computer से आकार में छोटे थे।

2.  सेकेण्ड जनरेशन के कम्प्युटर से अधिक विश्वसनीय थे।

3.  कम गर्मी उष्मा पैदा करते थे।

4.  Calculation time और कम हो गया।

5.  देखरेख पर व्यय टूटफुट कम हो गई, जिससे रखरखाव सस्ता हो गया।

6.  ये आसानी से वहनीय थे, अर्थात इन्हें एक स्थान से दुसरे स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता था।

7.  बड़ी मात्रा में व्यवसायिक उत्पादन प्रारंभ हो गया क्योंकि पहले की अपेक्षा काफी सस्ते थे।

8.  उर्जा की आवष्यकता कम थी।

9.  आकार छोटा एवं रखरखाव कम होने के कारण श्रम समय की बचत संभव हो गई।
Forth Generation: (1971 - अब तक):-
Forth Generation  के कम्प्यूटर में बहुत अधिक परिवर्तन हुआ इसमें Micro Processor का प्रयोग किया गया। इस जनरेशन के कम्प्यूटर में डेटा को फ्लापी डिस्क तथा हार्ड  पर स्टोर किया जाने लगा तथा इसमें V.I. S.I.C. (Very large Scale Integrated circuits) का अविष्कार किया गया। इसमें सभी प्रकार की सुविधा एवं फ्लापी डिस्क, हार्ड डिस्क और कार्य करने की गति भी बढ गई।

Fifth Generation:-
Fifth Generation का सपना एक ऐसे कम्प्युटर का निर्माण करना है जो स्वंय विवेक से निर्णय ले सके जिसे शब्द आदि का ज्ञान होगा। इस प्रकार पांचवी पीढी के Computer सभी पिछले कम्प्युटर की अपेक्षा बिल्कुल अलग और नए होगें।
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Milan Tomic

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