तेरी आगोश का आराम

कवि का आपसे आग्रह

प्रिय पाठकों ये सारी कवितायें लेखक सागर ने आप की भावनाओं को ध्‍यान में रखकर ही लिखी हैं कि आपके मन में किस-किस प्रकार की जिज्ञासायें होती हैं क्‍योंकि हम लोगों का एक अपना ही संसार होता है लेखक ने इस लेख में इसी को ध्‍यान में रखकर हम सभी की मनोभावना को समझकर ही इस लेख को तैयार किया है जिससे हमारी भवनायें हमारे लिये अपनी भाषा में प्रस्‍तुत कर सके जिससे सभी को ये लेख पढ़कर आनंद आये।

कविताओं पर जानकारी 

दोस्‍तों इस पोस्‍ट में हमने आपके समक्ष खुद अपने विचारों से लिखी कुछ गीत कविताओं का संग्रह प्रस्‍तुत किया है इसमें सभी प्रकार की भावनाओं से ओत-प्रोत हस्‍त लिखित गीत कविताओं को सामिल किया गया है हमे उम्‍मीद है कि आपको ये संग्रह काफी पसंद आयेगा।

लेखक ने बहुत सारी कविताओं का संग्रह आपके समक्ष प्रस्‍तुत किया है जो इसी बेवसाईट पर नीचे रीड मोर आपशन पर आपको मिल जायेंगे सां‍थ ही लेखक निरंतर आपके लिये लेख लिख भी रहा है जो आगामी समय में आपको इसी व्‍लाग पर प्राप्‍त हो सकेंगे।

यदि आपको हमारी ये हस्‍त लिखित गीत कविताओं का संग्रह पसंद आये तो हमें जरूर बतायें जिससे हमारा मनोवल बड़ता रहे और हम आपके समक्ष इसी प्रकार का संग्रह बनाते रहें। 

नीचे हमारे द्वारा लिखे कुछ गीत कविताओं के अंश प्रस्‍तुत हैं अगर इसी तरह आपका प्‍यार हमें मिलता रहा तो ये संग्रह यूं ही निरंतर बड़ता रहेगा इसलिये जरूर पढ़ें ओर हमारा मनोवल यूं ही बड़ाते रहें।  

teri-aagosh-ka-aram
teri-aagosh-ka-aram

तेरी आगोका आराम

teri-aagosh-ka-aram
teri-aagosh-ka-aram
में प्यार में तेरे दीवाना हूँ।
मुझे आश्की में तु रहने दे।

में प्यार में तेरे रंग गया हूँ।
मुझे तेरे इश्क के नशे में रहने दे।

में यादों में तेरी जी रहा हूँ।
मुझे यादों से अब न आने दे।

तेरे प्यार में हैं मेरे लव सिले हुये।
मुझे अब कोई तु जुवान न दे।

जीना है मुस्किल अब तो तेरे बिन।
मुझे अब तु कोई और जाम न दे।

मेरी सांसे चल रही हैं तेरे लिये।
मुझे बेबफाई का कोई ईनाम न दे।

में एक जिंदा लाहूँ बिन तेरे।
मुझे अपने आँचल के शिवा कोई कफन न दे।

मर कर भी सागर को तेरी वाहों में जीना है।
मुझे तेरी आगोके शिवा कोई आराम न दे।
                                (सागर)

कवि का वाक्‍य :-

दोस्‍तों इस कविता में कवि ने नारी की सुन्‍दता पर अपने प्‍यार का बखान किया है जो उसे बड़े ही सहज और सरलता पूर्वक हम सभी को समझ आने वाली भाषा में नारी के सोंदर्य का वर्णन किया है।

हम सभी जानते हैं कि नारी सुंदर होने सांथ आदरणीय भी होती है इस लेख में कवि अपनी कविता द्वारा अपने सभी भाव इस कविता के रूप में व्‍यक्‍त करने की कोशिश कर रहा है।

सीख :-

     इस कविता से हमें ये सीख मिलती है कि हमें सभी नारियों का आदर करना चाहिये क्‍योंकि नारी सदां सम्‍मान और आदर योग्‍य हाती है, नारी के कई रूप होते हैं नारी वो शक्ति है जिसकी ईश्‍वर भी बंदना करता है क्‍योंकि ईश्‍वर ने भी कई बार धरती की इस नारी की कोख से जन्‍म लिया और नारी का मान बड़ाया है चाहे नर हो या नारी सभी को ईश्‍वर ने एक समान ही बनाया है तो हम सभी समान हैं और सबसे ही समानता का भाव हमें रखना चाहिये।

कवितायें जो इस व्‍लाग में लिखी गई हैं :-

तेरी खूबसूरती, तेरी आगोस का आराम, तेरी चाहत का सफर, तेरी चाहत, सागर की प्‍यास, तू सुन्‍दर है, भारत मॉ की सच्‍ची सेवा, मॉ का दर्जा ईश्‍वर से भी उॅचा, मेरी प्‍यारी विटिया रानी आदि

आगामी भी आपके समक्ष जल्‍द ही इस व्‍लाग में मिलेगी थोड़ा इंत्‍जार करे।

हमारे प्रिय पाठकों!

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भारत माँ की सेवा सच्ची सेवा

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Milan Tomic

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